अन्योन्य प्रेरण (mutual induction) -
जब किसी coil में धारा प्रवाहित की जाए तो उस coil (Primary coil) में चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है और Primary coil से कुछ क्षेत्र रेखाएं Secondary coil से भी गुजरती हैं यदि Primary coil की मुख्यधारा को परिवर्तित किया जाए तो Primary coil के साथ-साथ Secondary coil का फ्लक्स भी Change होगा जिससे Secondary coil में एक नई धारा, प्रेरित धारा उत्पन्न हो जाएगी।
दोस्तों पिछले आर्टिकल में हमने स्वप्रेरण किसे कहते हैं। उसे Explain किया था। आशा करता हूं आपने उस आर्टिकल को पढ़कर स्वप्रेरण के बारे में पूर्ण जानकारी ग्रहण कर ले होगी। इस आर्टिकल में अन्योन्य प्रेरण क्या होता है उसके बारे में बताया है। स्वप्रेरण और अन्योन्य प्रेरण में केवल इतना फर्क है कि स्वप्रेरण में प्रेरित धारा Primary coil में ही उत्पन्न होती है जबकि अन्योन्य प्रेरण में प्रेरित धारा Secondary Coil में उत्पन्न होती है ।अन्योन प्रेरण गुणांक का सिद्धांत वैज्ञानिक फैराडे ने दिया था।
अन्योन प्रेरण का सबसे अच्छा उदाहरण ट्रांसफार्मर है। आगे की आगे आने वाले आर्टिकल्स में हम ट्रांसफार्मर क्या होता है और यह किस प्रकार कार्य करता है इसके बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे लेकिन फिलहाल हम अन्योन प्रेरण के बारे में पढ़ते हैं।
लेन्ज के नियम से - प्रेरित धारा मुख्यधारा के परिवर्तन का विरोध करेगी।
इस प्रकार - Primary coil में मुख्य धारा का मान परिवर्तित करने से Secondary coil में नई प्रेरित धारा उत्पन्न होना अन्योन्य प्रेरण कहलाता है।
अन्योन्य प्रेरण गुणांक की परिभाषा -
चित्र द्वारा यदि Primary Coil में धारा परिवर्तन की दर एकांक हो तो Secondary Coil में उत्पन्न प्रेरित वोल्टेज का परिमाण अन्योन प्रेरणा गुणांक कहलाता है।
अन्योन्य प्रेरण गुणांक का मात्रक - वेबर/ एंपियर या हेनरी (H)
अन्योन्य प्रेरण गुणांक का विमीय सूत्र - [ML2T-2A-2]
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