- एरोसॉल - ऐसा कोलाइड जिसमें परिक्षेपण माध्यम का कार्य वायु करता है एरोसॉल कहलाता है।
- हाइड्रोसाल - ऐसा कोलाइड जिसमें परिक्षेपण माध्यम का कार्य जल (हाइड्रो) करता है हाइड्रो साल कहलाता है।
- बैंजोसाल - ऐसा कोलाइड जिसमें परीक्षा पर माध्यम का कार्य बेंजीन करती है उसे बैंजो साल कहते हैं।
- एल्कोसाल - ऐसा कोलाइड जिसमें परिक्षेपण माध्यम का कार्य अल्कोहल करता है उसे एल्कोसाल कहते हैं।
परीक्षित व्यवस्था के आधार पर -
- धनात्मक कोलाइड -ऐसा कोलाइड जिनकी परीक्षित प्रवस्था धन आवेशित होती है उसे धनात्मक कोलाइड कहते हैं।
- ऋणात्मक कोलाइड - ऐसे कोलाइड जीने की परीक्षित प्रवस्था ऋण आवेशित होती है उसे ऋणात्मक कोलाइड कहते हैं।
कणों की संरचना के आधार पर -
- आणविक कोलाइडर - ऐसे कोलाइड जिनकी परीक्षित प्रवस्था ही कोलाइडी अवस्था होती है उन्हें आणविक कोलाइड कहते हैं।
- संगुणन कोलाइड - ऐसे कोलाइड जिनके परीक्षित प्रवस्था के कण आपस में जोड़कर बड़े कणो का निर्माण करते हैं तो उन्हें संगुणन कोलाइड कहते हैं।
- वृहत आणविक कोलाइड - ऐसे कोलाइड जिनका अणुभार 10000 से भी अधिक होता है अर्थात एक प्रकार के जो बहुलक होते हैं उन्हें वृहत आणविक कोलाइड कहते हैं।
संगठन के आधार पर -
- कार्बनिक कोलाइड - ऐसे कोलाइड जिनकी परीक्षित प्रवस्था कार्बनिक पदार्थ की होती है कार्बनिक क्लोराइड कहलाते हैं।
- अकार्बनिक कोलाइड - ऐसे कोलाइड जिनकी परीक्षित प्रवस्था अकार्बनिक पदार्थ की होती है अकार्बनिक कोलाइड कहलाते हैं।
परीक्षित व्यवस्था और परिक्षेपण माध्यम के आधार पर -
- द्रव स्नेही कोलाइड - ऐसे कोलाइड जिनमें परीक्षित प्रवस्था प्रक्षेपण माध्यम को आसानी से घोल ले और घोलने का विरोध ना करें द्रव स्नेही कोलाइड कहलाते हैं।
- द्रव विरोधी कोलाइड - ऐसे कोलाइड जिनमें परीक्षित प्रवस्था परिक्षेपण माध्यम को आसानी से घोले और घोलने का विरोध करें द्रव विरोधी कोलाइड कहलाते हैं।
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