उत्प्रेरण को निम्नलिखित दो प्रकार से विभाजित किया गया है -
1. अभीकारक और उत्प्रेरक की भौतिक अवस्था के आधार पर उत्प्रेरण के प्रकार2. क्रियाविधि के आधार पर उत्प्रेरण के प्रकार
हमने अपनी पुरानी पोस्ट में अभिकारक और उत्प्रेरक की भौतिक अवस्था के आधार पर उत्प्रेरण का वर्गीकरण बता दिया था। आज के इस पोस्ट में हम पढेगे
क्रियाविधि के आधार पर उत्प्रेरण के प्रकार
(types of catalyst in hindi) -
- धनात्मक उत्प्रेरण
- ऋणात्मक उत्प्रेरण
- स्व उत्प्रेरण
- प्रेरित उत्प्रेरण
अगर आपको उत्प्रेरण किसे कहते हैं? और उत्प्रेरक क्या है? यह पता है तो आप आगे पढ़ाना जारी रख सकते हैं अन्यथा नीले रंग पर क्लिक करके उनकी परिभाषाएं पढ़ लें ताकि आपको अच्छे से समझ आए -
धनात्मक उत्प्रेरण - वह वह पदार्थ जो किसी अभिक्रिया के वेग को बढ़ा देता है धनात्मक उत्प्रेरक कहलाते हैं तथा इसके इस गुण को धनात्मक उत्प्रेरण कहते हैं। धनात्मक उत्प्रेरण के उदाहरण -
Example1:नीचे दी गई अभिक्रिया में Fe धनात्मक उत्प्रेरक का कार्य कर रहा है जो अभिक्रिया के वेग को बढ़ा रहा है
Example2:नीचे दी गई अभिक्रिया में Manganese dioxide धनात्मक उत्प्रेरक का कार्य कर रहा है जो अभिक्रिया के वेग को बढ़ा रहा है
ऋणात्मक उत्प्रेरण - वह वह पदार्थ जो किसी अभिक्रिया के वेग को घटा देता है ऋणात्मक उत्प्रेरक कहलाते हैं तथा उसके इस गुण को ऋणात्मक उत्प्रेरण कहते हैं। ऋणात्मक उत्प्रेरण के उदाहरण -
Example :नीचे दी गई अभिक्रिया में Phosphoric acid (H₃PO₄) ऋणात्मक उत्प्रेरक का कार्य कर रहा है जो अभिक्रिया के वेग को घटा रहा है
स्व उत्प्रेरण - किसी अभिक्रिया में बना कोई उत्पाद उसी अभिक्रिया के लिए उत्प्रेरक का कार्य करता है तो उसे स्व उत्प्रेरक कहते हैं और उसके इस गुण को स्व उत्प्रेरण कहते हैं। स्व उत्प्रेरण के उदाहरण -
Example :आर्सेनिक हाइड्राइड के अपघटन से बना हुआ आर्सेनिक स्व उत्प्रेरण का कार्य करता है
प्रेरित उत्प्रेरण - जब कोई एक अभिक्रिया दूसरी अभिक्रिया को होने के लिए उत्प्रेरित करती है तो उसे प्रेरित उत्प्रेरक और उसके इस गुण को प्रेरित उत्प्रेरण कहते हैं। प्रेरित उत्प्रेरण के उदाहरण -
Example :सोडियम सल्फाइड का ऑक्सीकरण करने पर सोडियम सल्फेट में हो जाता है लेकिन सोडियम आर्सेनाइट का ऑक्सीकरण नहीं होता लेकिन जब सोडियम आर्सेनाइट को सोडियम सल्फाइड के साथ मिलाकर ऑक्सीकरण करते हैं तो दोनों का ऑक्सीकरण हो जाता है
उत्प्रेरक के लक्षण / गुण -
- उत्प्रेरक की सूक्ष्म मात्रा से ही अभिक्रिया का वेग परिवर्तित हो जाता है।
- यह अभिक्रिया में अपरिवर्तित रहता है।
- उत्प्रेरक से उत्पाद पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
- उत्प्रेरक की उपस्थिति में उत्क्रमणीय अभिक्रिया की साम्यावस्था पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
- एक निश्चित ताप पर तक अभिक्रिया में उत्प्रेरक सक्रियता से कार्य करता है जिसे अनुकूलतम ताप कहते हैं जिसका मान 25 से 35 डिग्री सेल्सियस होता है।
उत्प्रेरक वर्धक - वह पदार्थ जो किसी उत्प्रेरक की सक्रियता को बढ़ा देते हैं उसे उत्प्रेरक वर्धक कहते हैं।
उत्प्रेरक वर्धक के उदाहरण 👇
Example1:हैबर विधि से अमोनिया के निर्माण में मोलिब्डेनम (Mo) या Ko₂ + Al₂O₃ उत्प्रेरक के लिए उत्प्रेरक वर्धक का कार्य करता है।
Example2:कार्बन मोनोऑक्साइड और हाइड्रोजन की क्रिया से मेथिल अल्कोहल के निर्माण में क्रोमियम ऑक्साइड Cr₂O₃, (ZnO + CaO) उत्प्रेरक के लिए उत्प्रेरक वर्धक का कार्य करता है।
उत्प्रेरक विष - वह पदार्थ जो उत्प्रेरक की सक्रियता को नष्ट या समाप्त कर देता है उन्हें उत्प्रेरक विश कहते है।
उत्प्रेरक विष का उदाहरण 👇
Example :Tags Chemistry class12 उत्प्रेरणहैबर विधि से अमोनिया के निर्माण में (H₂S + CO) उत्प्रेरक के लिए उत्प्रेरक विष का कार्य कार्य करता है।
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