श्यानता (viscosity) :-
द्रवों का वह गुण जिसके कारण द्रव की परतो का विरोध होता है श्यानता कहलाती है जिन द्रवों के श्यानता कम होती है वे अधिक देर तक गति करते हैं तथा जिन द्रवों की श्यानता अधिक होती है वे कम देर तक गति करते है हो द्रवों का जब ताप बढ़ाया जाता है तो श्यानता कम हो जाती है।
वेग प्रवणता (Velocity coefficeient) :-
द्रव की 2 की परतो के बीच की दूरी के लंबवत वेग में परिवर्तन तथा दोनों परतो के बीच की दूरी का अनुपात वेग प्रवणता कहलाता है माना कि दो परते AB तथा CD हैं जिनके बीच वेग में परिवर्तन ΔV है तथा बीच की दूरी ΔZ है तब वेग प्रवणता = Δv/Δz
वेग प्रवणता का मात्रक प्रति सेकंड तथा वेग प्रवणता कि विमा [T-1] होती है।
श्यान बल (Viscous Force) :-
जब कोई द्रव धारा रेखीय प्रभाव में गति करता है तो द्रव की परतों के बीच एक घर्षण बल कार्य करने लगता है जो द्रव की परतों के वेग का विरोध करता है इसी इस बल को श्यान बल कहते है।
माना कि किसी द्रव की परतों का छेत्रफल A है तथा वेग प्रवणता Δv/Δz है तब उत्पन्न श्यान बल निम्नलिखित बातों पर निर्भर करता है
- श्यान बल परतो के परिच्छेद क्षेत्रफल के समानुपाती होता है अर्थात F ∝A
- यही श्यान बल द्रव के वेग प्रवरता के समानुपाती होता है अर्थात F ∝ Δv /Δz
उपयुक्त समीकरण को मिश्रित करने पर -
जहाँ ईटा 𝝶 श्यानता गुणांक हैअतः, "किसी द्रव का श्यानता गुणांक उस द्रव के उस श्यान बल के बराबर होता है जो एकाक क्षेत्रफल तथा प्रति सेकेंड वेग प्रवणता के द्रवों की परतों के बीच कार्य करता है। "
श्यानता गुणांक(𝝶) की इकाई या मात्रक = N-sec/m ²
श्यानता गुणांक(𝝶) की विमा = [M L-1 T-1]
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