सीमांत वेग क्या है? Terminal velocity
जब कोई वस्तु किसी श्यान द्रव में गिरती है तो उसके द्वारा प्राप्त अधिकतम नियत वेग को सीमांत वेग कहते हैं। अर्थात
जब किसी पिंड को मुक्त रूप से किसी अनंत विस्तार वाले तरल में छोड़ दिया जाता है तो पिंड का भार नीचे की ओर कार्य करता है और उत्पेक्ष बल ऊपर की ओर कार्य करता है अर्थात इनके परिणामी बल के कारण पिंड का वेग बढ़ता जाता है जिसके कारण विरोधी बल श्यान बल भी बढ़ता जाता है एक स्थिति ऐसी आती है जब प्रभावी बल और श्यान बल का मान बराबर हो जाता है अब पिंड में नेट बल शून्य हो जाता है अतः अब पिंड एक नियत वेग से गति करती है इसे ही सीमांत वेग कहते हैं।
सीमांत वेग की गणना का व्यंजक (सीमांत वेग गणिताय व्यख्या)
माना एक छोटी गोली है जिसकी त्रिज्या r है स्वतंत्रतापूर्वक वह अनंत विस्तार वाले तरल माध्यम में गिर रही है गोली का घनत्व ρ तथा तरल का घनत्व 'σ' है तरल का श्यानता गुणांक η है तब -
पिंड का भार = mg
=(आयतन × घनत्व)g
पिंड का भार= vρg
द्रव द्वारा पिंड पर उत्प्लावन बल का मान= vσg
पिंड में प्रभावी बल =vρg-vσg
=vg(ρ-σ)
यदि पिंड सीमांत वेग से गिर रह हो तो, श्यानबल = प्रभावी बल
6πηrv = vg(ρ-σ)
∴ v = 4/3πr³
अतः
6πηrv = 4/3πr³g(ρ-σ)
v =4πr³g(ρ-σ)/3×6πηr
V = 2r²(⍴-σ)g/9 η
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