इलेक्ट्रॉन बंधुता की परिभाषा -
किसी उदासीन विलग गैसीय परमाणु के बहत्तम कोष में एक इलेक्ट्रॉन जोड़ने पर जो ऊर्जा निकलती है उसे इलेक्ट्रॉन बंधुता कहते हैं। इसे EA से प्रदर्शित करते हैं। इलेक्ट्रॉन बंधुता एक प्रकार का आवर्ती गुण है।
आवर्ती गुण निम्नलिखित 4 प्रकार के होते है -
- परमाणु त्रिज्या
- आयनन विभव
- इलेक्ट्रॉन बंधुता
- विद्युत्-ऋणात्मकता
द्वितीय इलेक्ट्रॉन बंधुता का मान सदैव धनात्मक होता है क्योंकि एक इलेक्ट्रॉन जोड़ने के पश्चात ऋणआयन का निर्माण हो जाता है जिससे दूसरा इलेक्ट्रॉन जोड़ने पर ऋणआयन एवं इलेक्ट्रॉन के मध्य प्रतिकर्षण बल कार्य करने लगता है इस प्रतिकर्षण बल को समाप्त करने के लिए बाहर से ऊर्जा देनी पड़ती है इसलिए द्वितीय इलेक्ट्रॉन बंधुता का मान धनात्मक होता है।
इलेक्ट्रॉन बंधुता का वर्गों तथा आवर्तों में क्रमिक परिवर्तन -
- वर्ग में ऊपर से नीचे जाने पर परमाणु त्रिज्या का मान बढ़ता है इसलिए इलेक्ट्रॉन बंधुता का मान घटता है।
- आवर्त में बाएं से दाएं जाने पर परमाणु त्रिज्या का मान घटता है इसलिए इलेक्ट्रॉन बंधुता का मान बढ़ता है।
इलेक्ट्रॉन बंधुता को प्रभावित करने वाले कारक-
परमाणु त्रिज्या- परमाणु त्रिज्या का मान बढ़ाने पर इलेक्ट्रॉन बंधुता का मान घटता है।
परीक्षण प्रभाव या आवरण प्रभाव- परीक्षण प्रभाव का मान बढ़ने पर इलेक्ट्रॉन बंधुता का मान घटता है।
Subscribe Our Newsletter
😊😊🎊😸😎🙏🏻
ReplyDeleteThxx for this
ReplyDelete